जिले में न मंदिर सुरक्षित न लोग सुरक्षित: चोवाराम साहू,
प्रदेश के होम मिनिस्टर के गृह जिले में कानून व्यवस्था चौपट
कवर्धा। अगर कबीरधाम जिले में एक मृतक का परिवार शव को सड़क में रखकर पुलिस प्रशासन पर प्रताडऩा का आरोप लगा रहा है, अगर जिले के शिवालयों, देवालयों व मंदिरों में लगातार हो रही तोडफ़ोड़ से सनातन धर्मियों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है और वे अपने आस्था के केन्द्रों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, अगर जिले का कोटवार संघ अपनी सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी सुरक्षा की गारंटी मांग रहा है तो कहना गलत नहीं होगा कि प्रदेश के गृह मंत्री के गृह जिले की कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। उक्त बातेें कृषि उपज मण्डी के पूर्व उपाध्यक्ष चोवाराम साहू ने जारी बयान में कहीं। उन्होने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के महज पौने दो साल के कार्यकाल में ही कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। आलम ये है कि प्रदेश के गृह मंत्री के गृह जिले में ही कानून व्यवस्था संभाले नहीं संभल रही है। पुलिस प्रशासन पर प्रताडऩा के आरोप लग रहे हैं। लेकिन दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर न तो कार्यवाही हो रही है और न ही मृतक को इंसाफ मिल रहा है। शरारती तथा असामाजिक तत्व लगातार सनातन धर्मियों के आस्था केन्द्रों पर हमला कर यहां स्थापित देवी देवताओं की प्रतिमाओं को तोडफ़ोड़ रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि ऐसे मामलों में पुलिस आरोपियों तक भी नहीं पहुंच पा रही है। विकासखण्ड बोड़ला के ग्राम सारंगढ़ में अभी हाल ही में हुई घटना के आरोपी का अभी भी कोई अतापता नहीं है। प्रदेश के गृह मंत्री के गृह जिले में कार्यरत कोटवार अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हुए सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। जबकि इससे पूर्व की घटनाओं को देखा जाए तो पूर्व में शरारती, असामाजिक तथा आपराधिक तत्व कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे चुके हैं। श्री साहू ने कहा कि जिले में लगातार सामने आ रहे इस तरह के मामलों से लोगों का पुलिस और सरकार पर से भरोसा उठ रहा है। उन्होने प्रदेश के गृह मंत्री से कानून व्यवस्था में कसावट लाए जाने की मांग की है।
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