NEWS :-ड्यूटी के बहाने जिले के निजी चश्मा दुकान में बैठे रहते है जिला नोडल अधिकारी नेत्र सहायक प्रभात गुप्ता, पिता- पुत्र क़ी जोड़ी से पोड़ी क्षेत्र के मरीज परेशान, रहते है नदारत, इनकी मनमानी मुख्य चिकित्सा व खण्ड चिकित्सा स्वाथ्य अधिकारी को नही आती नजर

NEWS :-ड्यूटी के बहाने जिले के निजी चश्मा दुकान में बैठे रहते है जिला नोडल अधिकारी नेत्र सहायक प्रभात गुप्ता, पिता- पुत्र क़ी जोड़ी से पोड़ी क्षेत्र के मरीज परेशान, रहते है नदारत, इनकी मनमानी मुख्य चिकित्सा व खण्ड चिकित्सा स्वाथ्य अधिकारी को नही आती नजर

पोंड़ी 
आपको बता दे क़ी जिले में लचर स्वास्थ्य व्यस्था का खामियाजा आमजनों को भुगतना पड़ रहा है, कई वर्षो से पोंड़ी प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र में है मगर नेत्र सहायक प्रभात गुप्ता अपने कार्यों से नदारत रहते है कभी पोड़ी तो कभी फील्ड तो कभी  सीएमओ ऑफिस का बहाना बना कर नहीं करते ड्यूटी मगर शिकायत के बावजूद अब तक  सीएमएचओ ने कार्यवाही नही क़ी, लगातर पिता पुत्र का वेतन बनाया जा रहा है जो क़ी कई सवाल खड़े कर रहे है,साथ साथ अपने डॉक्टर पुत्र क़ी पोस्टिंग करा लिया है, वो भी नदारत रहते है हफ्ते में आते है, पिता पुत्र क़ी जोड़ी से आमजन हलाकान है, मरीज भटकते हुए वापस आते है, यें न तों मुख्यालय में निवास करते है न ही दिन में ड्यूटी करते है,
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी में पदस्थ नेत्र सहायक अधिकारी डॉ. प्रभात गुप्ता आए दिन अपने मूल पदस्थापना स्थल से गायब रहते है जिससे पोड़ी वासियों को आंखों से संबंधित तकलीफों के लिए भटकना पड़ता है आए दिन जिले के एक चश्मे की दुकान में चाय सिगरेट पीते नजर आते है और चश्मा दुकान वाले से तगड़ा कमीशन मिलता है 
कभी कभार पोड़ी में दिखने वाले नेत्र सहायक अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार गुप्ता की शिकायतें आम हो गई है अपने निवास में बोर्ड लगा कर आंखों की जांच की शिकायत पिछले बार की थी परंतु जिले के सीएमओ से अच्छी सेटिंग होने के कारण सीएमओ ने सिर्फ उनका नाम का बोर्ड हटवाया है 
जिला नोडल अधिकारी नेत्र का बहाना बना कर आए दिन घर में रहते है,  फोन के संपर्क करने पर कभी सीएमओ ऑफिस के मीटिंग और कभी फील्ड दौरा बता कर घर में ही रहते हैं, 
पोड़ी में इनके न होने से आंखों के मरीजों को भटकना पड़ रहा है 
सीएमओ से सेटिंग कर अपने पुत्र को जिला चिकित्सालय से पोड़ी पदस्थ करवा लिए है ताकि अपनी मनमानी कर सके 
सीएमओ से सेटिंग इसी लिए नहीं होती कार्यवाही अपने रिटायरमेट के बाद संविदा नौकरी के लिए कर लिए है सीएमओ से सेटिंग।
नेत्र सहायक अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार गुप्ता के कार्यों एवं उपलब्धि के जांच के लिए संचालक को पत्र लिखा जाएगा और जांच की मांग की जाएंगी।
की वे कितना दौरा करते हैं और कितना आपरेशन करवाए है और कितना आंख जांच किए है

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