नियुक्ति के 09 माह बाद भी पोड़ी वासियों को नहीं मिल रहा है एमबीबीएस डॉ. का लाभ,ग्रामीणों ने की कलेक्टर एवं सीएमओ से डॉ. की सेवा लेने की मांग

नियुक्ति के 09 माह बाद भी पोड़ी वासियों को नहीं मिल रहा है एमबीबीएस डॉ. का लाभ,ग्रामीणों ने की कलेक्टर एवं सीएमओ से डॉ. की सेवा लेने की मांग
नियुक्त संविदा चिकित्सा अधिकारी है जिला चिकित्सालय कबीरधाम में संलग्न 
  कवर्धा जिले के अधिकांश वनांचल क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति हो गई है 
परंतु जिला मुख्यालय कबीरधाम से लगे एवं राष्ट्रीय राजमार्ग में पढ़ने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी के  नियुक्त संविदा चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रखर गुप्ता की नियुक्ति संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा की गई है, परंतु कवर्धा जिले के लोकल होने के कारण एवं पोड़ी में पदस्थ अपने पिता  एवं कर्मचारी नेता श्री प्रभात गुप्ता नेत्र सहायक के पुत्र होने के और स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी से संबध होने से अपनी तगड़ी सेटिंग कर जिला चिकित्सालय कवर्धा में कार्य कर रहे है ,इसके पूर्व भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था परंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी अब तक उन्हें  अब तक पोड़ी के लिय कार्य आदेश जारी नही किया है जिससे पोड़ी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है पोड़ी के आसपास के आश्रित ग्राम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी में निर्भर हैं राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं चिकित्सा अधिकारी न होने के कारण पर्याप्त चिकित्सा सुविधा आपातकालीन परिस्थितियों में पोड़ी वासियों और समीप के आश्रित ग्राम  को नहीं मिल पा रही है  आवश्यक अनुसार पोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी को 24 घंटे एवं सात  दिवस सेवाएं देना का है एवं ग्रामीण एवं पोड़ी  वासियों ने यह मांग की है कि उक्त संलग्न संविदा चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रखर गुप्ता को तत्काल पोड़ी कार्य करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदेशित करें एवं उन्हें 24 घंटे मुख्यालय पर रहकर ग्रामीण एवं पोड़ी वासियों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहे 
अगर डॉ प्रखर गुप्ता को शीघ्र ही पोड़ी हेतु आदेशित नहीं किया गया तो ग्रामीण एवं पोड़ी वासियों ने उनकी शिकायत संचालक उच्च स्वास्थ्य सेवाओं से करने की इच्छा जाहिर की है एवं भविष्य में इस प्रकार के जिले में किसी भी प्रकार के चिकित्सा अधिकारी जो अपने अधिकारियों से सेटिंग करके रखे हैं उन पर कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे आमतौर पर देखा गया है कि नियुक्त चिकित्सा अधिकारी नियुक्ति स्थान पर सेवाएं न देते हुए अपनी तगड़ी सेटिंग कर अपनी सहूलियत के हिसाब से जगह में अधिकारियों से संबंध होने के नाते संलग्न हो जाते हैं जबकि संचालक स्वास्थ्य सेवाओं के आदेश का अनुसार स्वास्थ्य विभाग में संलग्न करण की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है,

सुस्त सीएमओ पर कर्मचारी नेता और चिकित्सा अधिकारी हावी 


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी. एल. राज के राज के कर्मचारी हावी हो गए है अपने ही आदेश का पालन नहीं करवा पाते हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राज
जिले के कर्मचारी और अधिकारी के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि विगत कुछ माह पूर्व रेंगाखार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ संविदा चिकित्सा अधिकारी की शिकायत ग्रामीणों ने की थी उनके ऊपर पैसा लेकर इलाज करना एवं शराब पीकर ड्यूटी करने के आरोप में उनके ऊपर जांच बैठी थी मुख्य चिकित्सा अधिकारी उनका स्थानांतरण  माह जुलाई में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दामापुर किया गया एवं खंड चिकित्सा अधिकारी बोडला के द्वारा उन्हें कार्य मुक्त किया गया परंतु अपनी ऊंची सेटिंग एवं नेतागिरी के कारण डॉ,कार्तिक राम आज दिनांक तक यानि 100 दिन बाद भी,स्थानांतरण स्थल पर अपनी जोइनिंग नहीं दिए हैं एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी बड़े नेताओं के फोन आने के कारण उन पर कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं एवं अपने ही आदेश का पालन नहीं करवा पा रहे हैं,
 
वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी में पदस्थ नेत्र सहायक प्रभात गुप्ता की खबर कुछ समाचार पत्रों में छपी थी परंतु नेत्र सहायक प्रभात गुप्ता अपने कर्मचारी नेता होने का फायदा उठाकर एवं नेताओं के करीबी होने के कारण मुख्यालय में निवास नहीं करते एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को रिजाइन देने की धमकी देते हैं एवं अपने मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर निवास करते हैं 
ठीक उसी तरह पिता की राह पर चल रहे हैं पुत्र नेत्र सहायक प्रभात गुप्ता के सुपुत्र की  संविदा चिकित्सा अधिकारी के पद पर  जिला चिकित्सालय में पद रिक्त न होने के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी उन्होंने सेटिंग के तहत है कार्रवाई  ताकि ह जिला चिकित्सालय संलग्न रह सके  पोड़ी में कार्य न कर सके 
क्योंकि अगर होली में वह मुख्यालय बनाकर चिकित्सा कार्य करेंगे तो उन्हें शासन के नियमों अनुसार 24 घंटे एवं सातों दिन चिकित्सा एवं आपातकालीन ड्यूटी पोंड़ी में रहकर सेवाएं देनी पड़ेगी आखिर जांच का यह विषय है कि डॉ राज के राज में क्यों चिकित्सा अधिकारी एवं कर्मचारी अपने कार्य स्थलों पर जाना नहीं चाहते हैं 
ठीक उसी तरह पंडरिया खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.अनामिका पटेल अब उनके विशेष खास सहायक   मलेरिया टेक्निकल सुपरवाइजर प्रांजल बक्शी आए दिन गायब रहते हैं एवं आज दिनांक 3 अक्टूबर को पत्रकार के द्वारा पंडरिया अस्पताल की खोज खबर ली तो डॉ. अनामिका पटेल एवं श्री प्रांजल बक्शी नदारत मिले 
प्रांजल बख्शी को कार्य में लापरवाही बरतने के कारण अंदरुनी रूप से पता चला है कि उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कार्य सुधार करने हेतु स्पष्टीकरण दिया गया है परंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एल राज संबंध में चर्चा के उपरांत पता चला कि प्रांजल बक्शी मलेरिया के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं और मलेरिया के क्षेत्र में विकासखंड पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर कार्य कर रहा है 
आखिर क्यों अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय पर नहीं रहते क्या अधिकारी कर्मचारी सीएमओ पर कार्यवाही न करने का दबाव बनाते हैं या स्वयं मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपनी कुर्सी जाने के डर से अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं करते एवं मुख्यालय में न रहने एवं नदारत रहने के लिए खुली छूट दे रखे हैं 
क्या शासन के नियमों के अनुसार कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहना अनिवार्य नहीं है अगर अनिवार्य है तो क्या नेत्र सहायक प्रभात गुप्ता एवं मलेरिया टेक्निकल सुपरवाइजर प्रांजल बक्शी मुख्यालय में रहकर निवास करते हैं ?इस विषय पर क्या जिले के नवनियुक्त कलेक्टर श्री राम गोपाल वर्मा ध्यान आकर्षित कार्यवाही करेंगे या कर्मचारी अधिकारी मौज करते रहेंगे, यें बड़ा सवाल है.

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