पंडरिया अस्पताल में अवस्थाओं का अंबार खंड चिकित्सा अधिकारी नहीं लेती है सुध,खुद बीमार हो गया अस्पताल मातृ एवं शिशु अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी प्रशिक्षित चिकित्सक को किया गया है जिला चिकित्सालय संलग्न,
नही मिल रही बाथरूम जैसी सुविधाएं 6 बाथरूम में से 4 हुए बंद ,दरवाजों पर बाथरूम ख़राब इस्तेमाल न करे लगा पोस्टर, मरीज हो रहे परेशान
कवर्धा.
पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं विकासखंड की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया में चिकित्सा की सुविधा एवं कर्मचारियों पर वर्तमान नियमों का अंकुश नहीं है वैसे ही मैदानी इलाकों में कर्मचारी नदारत रहते हैं एवं कार्य नहीं करते गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व जिले के युवा चिकित्सा अधिकारी को खंड चिकित्सा अधिकारी का प्रभार सौंपा गया था अपनी कार्य कुशलता एवं तेज तरार होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा सुविधाओं के साथ मैदानी इलाकों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने का काम किया था परंतु सत्ता बदलते उन्हे हटा दिया गया
पंडरिया मैं स्थित 50 बिस्तर मातृत्व एवं शिशु अस्पताल सह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया मैं भारी अवस्थाएं देखी गई हैं कुछ दिवस पूर्व महिला चिकित्सा अधिकारी से बदसलूकी की का मामला प्रकाश में आया था
पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ जितेंद्र वर्मा चिकित्सा अधिकारी विभागीय 2 वर्ष के स्त्री रोग विशेषज्ञ पाठ्यक्रम के लिए भेजा गया था पंडरिया आंचल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी की पूर्ति की जा सके एवं सुरक्षित प्रसव एवं सिजेरियन ऑपरेशन हेतु प्रशिक्षित चिकित्सक मिल सके परंतु अपने पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात भी जिले के आला अधिकारियों ने डॉ जितेंद्र वर्मा को नियम विरुद्ध जिला चिकित्सालय कबीरधाम में संलग्न करके रखा है शासन एवं स्वास्थ्य विभाग में संलग्न कारण समाप्त होने के बाद भी एवं जिला चिकित्सालय में चार-चार स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के बाद भी पंडरिया विकास खंड को स्त्री रोग विशेषज्ञ की सेवाएं उनकी मूल पद स्थापना स्थल पर कार्य मुक्त ना करते हुए उनसे जिला चिकित्सालय में सेवाएं ली जा रही है
क्षेत्रीय विधायक को इस गंभीर विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए डॉ जितेंद्र वर्मा की सेवाएं उनके मूल स्थल शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया में करवानी चाहिए
पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अवस्थाएं इतनी है कि शौचालय एवं दिव्यांग शौचालय को बंद कर कागज चिपका दिया है। शौचालय की साफ सफाई बेहद खराब है जिससे गंभीर बीमारी फैल सकती है आमजन एवं विकलांग जन शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं
जो की एक ध्यान आकर्षण करने का विषय है कि दिव्यांग मरीजों के लिए शौचालय लिए व्यवस्था नहीं है, चार चार शौचालय बंद है, बाथरूम ख़राब है करके ताला बंद कर दिया गया है,कागज चस्पा करवा कर, दो शौचालय से काम चलाया जा रहा है,मरीजों को हो रही दिक्क़त से, पंडरिया स्वास्थ्य अधिकारी को कोई मतलब नहीं है.
पंडरिया बीएमओ इस विषय पर ध्यान नहीं देती हैं
इससे सिद्ध होता है कि पंडरिया बीएमओ अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने हेतु किसी भी प्रकार के दिलचस्पी नहीं ले रही हैं एवं मैदानी क्षेत्रों के दौरे का बहाना बना कर अधिकतर गायब रहती है शौचालय जैसी एवं साफ सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं अस्पताल में सुदृढ़ होनी चाहिए विधायक पंडरिया इस विषय पर ध्यान देना सुनिश्चित करे एवं बीएमओ की कार्य प्रणाली सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर निर्देशित करना चाहिए
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