NEWS:-तत्कालीन कलेक्टर के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अवमानना की याचिका दायर
रामकुमार सिन्हा ने किया है याचिका प्रस्तुत
कर्तव्य पथ काँटों भरा हो जनसेवा की प्रण संघर्ष के लिए देता है साहस
कवर्धा - कबीरधाम जिला ही नहीं बल्कि समूचे भारत में ऐसे विरले जनप्रतिनिधि होंगे जो जनता के समस्याओं के निराकरण के लिए प्रशासनिक विभागों, सड़क से संसद और अदालतों तक अपनी पंचवर्षीय बाधाओं से आगे बढ़ते हुए संघर्ष करें। कबीरधाम जिला अपनी प्राकृतिक सम्पन्नता और ऐतिहासिक विरासत से समूचे भारत में प्रसिद्ध है तो जनसेवा एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए समर्पित राजनेताओं की जन्मभूमि एवं कर्मभूमि है। ऐसे ही जनपद सदस्य दन्पत्ति है श्रीमती शिवरानी रामकुमार सिन्हा। जो कि कबीरधाम जिले के अंतिम छोर में बसे विधानसभा पंडरिया के अंतर्गत ग्राम नवागांव के निवासी है। जिनकी जीवन शैली जितनी सादगी पूर्ण है ठीक उतने ही कठिन संघर्ष उनकी पहचान है।
तत्कालीन जिला कलेक्टर रमेश कुमार के खिलाफ छत्तीसगढ़ के माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में न्यायालय के आदेश की अवहेलना के लिए अवमानना का याचिका प्रस्तुत हुआ है। जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने
स्वीकार करते हुए उभय पक्षों को तलब किया है। प्रकरण यह है कि वर्तमान जनपद सदस्य दम्पत्ति रामकुमार सिन्हा एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शिवरानी रामकुमार सिन्हा क्रमश जनपद सदस्य निर्वाचित होते रहे हैं। क्षेत्र में दोनों दम्पत्ति कि ऐसे लोकप्रियता है कि हर बार जनपद सदस्य का चुनाव जीत जाते हैं। किसी कार्यकाल श्रीमती शिवरानी सिन्हा तो अगली कार्यकाल रामकुमार सिन्हा जनपद सदस्य निर्वाचित होते रहते हैं। वर्ष 2007 के आसपास श्रीमती शिवरानी रामकुमार सिन्हा जनपद सदस्य थी। इसी समय उन्होंने अपने क्षेत्र के जन समस्यों कि
निराकरण एवं भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया था। तत्कालिक सरपंच ग्राम पंचायत तमरुवा के द्वारा गोठान समतलीकरण नहीं कराये जाने एवं शासकीय राशि कि दुरूपयोग के लिए ग्रामवासियों द्वारा शिकायत किया गया। जिसकी जाँच एवं कार्यवाही के लिए जनपद सदस्य ने मुखर आवाज उठाया एवं जनपद की सामान्य सभा और अनेकों शासन के विभाग स्तर पर संघर्ष किया लेकिन कोई न्याय नहीं मिला बल्कि उस समय के सत्ता सरकार
के द्वारा उल्टा जनपद सदस्य को पद से पृथक करने कि कार्यवाही कर दिया गया। उन्होंने संघर्ष नहीं छोड़ा पंचायत संचनालय में केश दायर किया और अंत में जीत सत्य कि हुई श्रीमती शिवरानी रामकुमार सिन्हा जनपद सदस्य के पद पर पुनः काबिज हो गई। अगले चुनाव में उनके पति रामकुमार सिन्हा जनपद सदस्य बने और सभापति बन गये उनके द्वारा जनता के समस्यों के संघर्ष को आगे बढ़ा इस तरह कार्यवाही बढ़ती रही। उक्त ग्राम पंचायत तमरुवा के प्रकरण में कठिन संघर्ष के दौर में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कवर्धा के प्रकरण क्रमांक 502 ब 121 वर्ष 2009-10 में पारित आदेश अनुसार गोठान समतलीकरण तमरुवा में पूर्व सरपंच से 2 लाख कि वसूली स्पस्ट है। कुछ कार्यों का स्पष्ट मूल्यांकन नहीं हुआ है। इस प्रकार उक्त प्रकरण में मुख्यकार्यपालन
अधिकारी जनपद पंचायत कवर्धा पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत तमरुवा के सभी कार्यों का मूल्यांकन करावें जो राशि पूर्व सरपंच को बनती है। उसे तत्काल प्रदाय करें व गोठान समतलीकरण तमरुवा 2 लाख कि राशि वसूली हेतु पृथक से धारा 92 में कार्यवाही करें ।लेकिन अनुविभागीय न्यायालय के आदेश का पालन जनपद पंचायत द्वारा नहीं किया गया। जिसकी निरंतर शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कवर्धा, जिला कलेक्टर कबीरधाम से रामकुमार सिन्हा द्वारा किया गया । जिला प्रशासन कि घोर उपेक्षा एवं कार्यवाही नहीं होने पर माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में रिट याचिका क्रमांक 1808/2018 में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कवर्धा के प्रकरण क्रमांक 502 ब 121 वर्ष 2009-10 में पारित आदेश का पालन नहीं करने पर कार्यवाही किया जाना का आदेश प्राप्त हुआ।फिर भी माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर के रिट याचिका में पारित आदेश का परिपालन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। जिसकी घोर उपेक्षा से दुखी होकर माननीय न्यायालय में पुनः शरण लिया गया। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा इसे माननीय न्यायालय की अवमानना मानते हुए प्रकरण दर्ज कर उभय पक्षों को तलब किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में cont No. 620 of 2020 07/12/2023 के तहत रामकुमार सिन्हा विरुद्ध रमेश कुमार शर्मा कलेक्टर को पार्टी बनाया गया है ।
जनपद सदस्य दम्पत्ति रामकुमार सिन्हा एवं श्रीमती शिवरानी रामकुमार सिन्हा लगातार कबीरधाम जिले के आम नागरिकों के कल्याण एवं जन समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य कर रहे हैं। अभी वर्तमान में श्रीमती शिवरानी रामकुमार सिन्हा जनपद सदस्य हैं। दोनों दम्पत्ति अभी तक 2-2 बार जनपद सदस्य निरंतर रह चुके हैं । रामकुमार सिन्हा क़ानूनी संघर्ष एवं जमीनी संघर्ष के कद्दावर नेता माने जाते हैं। सत्ता किसी भी दल की हो उनकी जमीनी संघर्ष सदैव जारी रहती है। लगातार उक्त प्रकरण में कई वर्षों तक संघर्ष या दिखाता है कि अपने क्षेत्र के विकास, जनता के हितों कि रक्षा के लिए पंचवर्षीय कार्यकाल कोई बाधा नहीं होती यदि क्षेत्र कि जनता की सेवा करने का जज्बा दिल में है तो कठिन से भी कठिन लड़ाई एवं संघर्ष को किया जा सकता है। रामकुमार सिन्हा कहते हैं कि कबीरधाम जिले जनता के हर दुःख और तकलीफों के लिए वह सड़क से संसद तक और निचली अदालत से देश के सर्वोच्च अदालत तक संघर्ष करते रहेंगे। जनता के न्याय एवं अधिकारों को दिलाने के लिए समर्पित भाव से सेवा करते रहेंगे ।
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