NEWS:-रायपुर राजधानी में मनाया गया गुरु प्रियंका दीदी का जन्मोत्सव, विधान सभा अध्यक्ष हुए शामिल

NEWS:-रायपुर राजधानी में मनाया गया गुरु प्रियंका दीदी का जन्मोत्सव, विधान सभा अध्यक्ष हुए शामिल 
 कवर्धा , गत दिवस अगस्त  दिन रविवार को जगत गुरु गुरु विजय कुमार  उर्फ अग्रनाम की सुपुत्री एवं ममतामयी मां मिनीमाता जी की सुपौत्री गुरु दीदी प्रियंका की जन्मोहोत्सव रायपुर में छ.ग.के समस्त जिलों के सतनामी समाज के लोगो के द्वारा बड़े  उल्लास  के साथ सादगी पूर्ण मनाया गया । जिसमें सतनामी समाज के लोगो में बहुत ही हर्ष, आनंद, उल्लास, और प्रशनंता   झलक रही थीं ।
विधानसभा अध्यक्ष सहित अन्य नेता हुए शामिल

 गुरु निवास लोधी चौक में छ.ग.  विधान सभा अध्यक्ष  चरण दास महंत,  विजय शर्मा , प्रदेश महामंत्री भाजपा , अन्य जनप्रतिनियो  , विधायकगण,   भाजपा नेता और कांग्रेस के अन्य नेताओं के अलावा   सामाजिक जन और प्रदेश वासियों ने बधाई दिए । 

चौक चौराहों में मनाया गया जन्मोत्सव

सुबह 11 बजे से गुरु निवास लोधी चौक से पंथी नृत्य , बाजा गाजा  और सतनामी समाज के अन्य जिलों से आए लोगो द्वारा चौक चौराहों में अयोजित जन्मोत्तासव  कार्यक्रम  में  जगह जगह केक काटने व समाज के लोगो द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। रैली सादगी पूर्ण रवाना होते हुए राजनंदनी गुरु दीदी प्रियंका  की जन्मोत्सव कार्यक्रम प्रारंभ हुई लोधी चौक के पूर्व दिशा के रास्ते से होते हुए शंकर नगर (मंत्री निवास),  तेलीबांधा चौक , शहीद भगत सिंह चौक में सतनामी समाज द्वारा अयोजित  कार्यक्रम में शामिल होकर गुरु घासीदास चौक (घड़ी चौक) , पंडरी बस स्टैंड रायपुर , खरोरा के पास स्थित साहेब बरडीह धाम के लिए लगभग 900 गाड़ियों के काफिले के साथ रवाना हुई।


 सत्यनाम मय हुआ राजधानी

बरडीह धाम को जगतगुरु गुरु अगम दास साहेब जी का पुराने गांव के नाम से जाना जाता है। जहां लगभग पैतालीस हजार लोगो  की  गरिमामय उपस्थिति में जन्मोत्तसव  कार्यक्रम मे केक काटकर गुरु वाणी से समाज को आर्शीवाद प्रदान किया गया।
 भंडारपुरी धाम,खडुआपूरी धाम, तेलासीपूरी धाम को अगम दास साहेब  के नाम से प्रसिद्ध है वैसे ही साहेब बरडीह धाम को भी समाज द्वारा जाना जाता है।
साहेब बरडीह धाम में गुरु अगम दास साहेब जी का सैकड़ों एकड़ जमीन, पुराने गुरूद्वारा (महल) का अवशेष, और उस समय जिस कुएं से गुरु अगम दास साहेब जी पानी पीते थे वो कुएं आज भी विद्यमान हैं।
संपूर्ण भारत में सतनामी समाज का ऐतिहासिक धारोहर, और समाजिक धरोहर स्थापित है। जो जिससे समाजिक  एकता और अखंडता को कायम रहने का मिसाल प्रदर्शित करता है।

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