NEWS:-बारिश जब आती है तो सबके मन को भाती है ,किसानों के दिल मे छा जाती है,बारिश के मनमोहक दृश्य के लिए कवि जगदीश सांखला ने लिखी शानदार कविता

NEWS:-बारिश जब आती है तो सबके मन को भाती है ,किसानों के दिल मे छा जाती है,बारिश के मनमोहक दृश्य के लिए कवि जगदीश सांखला ने लिखी शानदार कविता
कवर्धा:-टाइम्स न्यूज इंडिया

वर्षा जब भी होती है,
सबके मन को भाती है,
तपती धूप मिटाती है,
उड़ते अंधड़ बिठाती है,
किसानों के दिल मे छा जाती है,
उनके चेहरों पर रौनक लाती है,
दिलों में उमंग जगाती है,
भू पर ठंडक ला देती है
नदी नाले बहने लगते
पोखर भी भर जाते है
झरने झरने लगते
सबके मन पर छा जाते है,
पड़ी भूमि खिल जाती है,
हरियाली जब हो जाती है
फ़सलें जब लहराने लगती है,
भूमि दुल्हन सी लगती है,
चहूं ओर हो जाती खुशहाली,
हवा भी बन जाती है मतवाली
कोने कोने में छा जाती हरियाली
जब चहूं ओर वर्षा जब होती

इस सुंदर कविता के रचयिता जगदीश साँखला है 
इस कविता में कवि ने वर्षा (बारिश) के महत्व को एक रंगीन तस्वीर के माध्यम से बखूबी दिखाया है। वर्षा विविधता और उत्साह का प्रतीक होती है, जिससे सभी मन भावुक हो जाते हैं। कवि ने वर्षा के आगमन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को व्यक्त किया है और उसके लाभों की सराहना की है।

कवि कहते हैं कि वर्षा आते ही धूप की तपती गर्मी को मिटा देती है, जलते अंधेरे को दूर करके प्रकाश फैलाती है। यह खेती करने वाले किसानों के दिलों में खुशियों की छान डालती है और उनके चेहरे पर रौनक लाती है। वर्षा के आगमन से हरे-भरे पौधे उगने लगते हैं, जो भूमि को खिल जाते हैं और उसे दुल्हन सा सजाते हैं।

वर्षा के आगमन से नदियों और नालों की धाराएं बहने लगती हैं और पोखर भर जाते हैं। झरने भी उबल-बाल होकर बहने लगते हैं, जो सभी मनों को आकर्षित करते हैं। इससे सभी लोगों के मन पर एक आनंदमय भाव छा जाता है।

वर्षा के साथ हरियाली फैलती है और भूमि का चेहरा बदल जाता है। इससे हर ओर खुशहाली का माहौल बनता है और हवा भी उत्साहित हो जाती है। सभी जगह हरियाली छा जाती है और वर्षा के आगमन से सभी के मन में खुशियों की भावना जागृत हो जाती है।

कवि वर्षा के सौंदर्य को बखूबी व्यक्त करते हैं और इसके महत्व को समझाने के लिए विभिन्न प्राकृतिक दृश्यों का उपयोग करते हैं। उन्होंने वर्षा के आगमन से जुड़े सभी पहलूओं को जीवंत करके पाठकों के मन में प्रेम और धरोहर की भावना को स्पष्ट किया है।

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