NEWS:- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनाओं का कबीरधाम में बुरा हाल मतस्य निरीक्षक कर रहे मनमानी, मतस्य पालक हो रहे परेशान
जिले का मतस्य विभाग वेंटिलेटर पर,आखिर
क्यों नही मिल पा रहा मतस्य पालकों को शासन की योजनाओ का लाभ,
कवर्धा
आपको बता दे कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार आम आदमी किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए योजनाएं संचालित करती है, कबीरधाम में मतस्य पालन की अपार संभावनाएं है यहाँ की मिट्टी जलवायु मछली पालन के लिए उपयुक्त है,लोकल बाजारों एवं अधिक उत्पादन होने से जिले के अन्य जगह ,दुर्ग,भिलाई बिलासपुर में मछली की खपत आसानी से हो जाती है,उक्त संभावनाओ को देखते हुए,प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना अंतर्गत स्वयं की भूमि में किसान तालाब निर्माण करवा सकते है,लेकिन आपको बता दे कि कबीरधाम जिले में इस योजना का हाल बेहाल है ,यहाँ के मतस्य निरीक्षक लापरवाही पूर्वक कार्य कर है ,उनकी उदासीनता कार्यशैली की वजह से इस योजना का लाभ गरीब किसान नही ले पा रहे है। समुचित राशि मतस्य पालकों को नही मिल पा रहा है ,बीच मे कार्य अधूरा छोड़कर ,उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है ,अधिकतर जगहों में तालाब का कार्य अधूरा और ठप पड़ा हुआ है, आखिर इतनी बड़ी लापरवाही विभाग के मतस्य निरीक्षक क्यों कर रहे है ये गंभीर सवाल है।
मतस्य निरीक्षक कर रहे है योजना के नाम पर मतस्य किसानों को प्रताड़ित
आपको बता दे कि तालाब मछली पालन की योजनाएं तो आय के दृष्टि से बहुत बढ़िया है लेकिन जब मतस्य निरीक्षक ही इस कार्य मे रोड़ा अटकाते नजर आ रहे है, उक्त मामला नरेंद्र धुर्वे,पिता शोभा धुर्वे,ग्राम कोठार का है जो कवर्धा विकास खण्ड के अंतर्गत आता है ,यहाँ पर इस किसान को मछली पालन के लिए तालाब गहरी करण के आड़ में जमकर प्रताड़ित किया गया ,अब तक साल भर बीत जाने के बावजूद उक्त तालाब अधूरा पड़ा हुआ है , शोभा धुर्वे किसान ने बताया कि अब तक मात्र 82 हजार की राशि आयी ,उसे भी मतस्य निरीक्षक द्वारा अपने चहेते ट्रैक्टर्स जेसीबी को काम दिया एवं उनको पेमेंट करना बताया गया,साथ ही किसान शोभा धुर्वे ने बताया कि उनका खाली चेक भी मतस्य निरीक्षक सुन्दर वर्मा द्वारा रखा गया है ,कुलमिलाकर हम इस योजना की फायदा तो दूर की बात ,उल्टा बड़ी मुसीबत में फंसे हुए है,शोभा धुर्वे ने कहा कि सरकार योजनाएं बनाती जरूर है लेकिन मौके पर कर्मचारी के लापरवाही के कारण सुचारू रूप से संचालित नही हो पाती है, कही न कही कमीशन का खेल चल रहा है, मतस्य पालक ने कहा कि वो इस मामले को लेके कलेक्टर एवं उच्च विभाग से मिलेंगे और अवगत कराएंगे की जिले के अधिकतर किसान इस योजना से परेशान है ,या उन्हें परेशान किया जा रहा है।
चारो ब्लॉक के मतस्य निरीक्षक नही रहते ब्लॉक मुख्यालय में मत्स्य पालक परेशान
चारो मतस्य निरीक्षक की मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आखिर ये अपने ब्लॉक मुख्यालय में नही रहते बल्कि जिले में डेरा जमाए हुए रहते है ,जिसके वजह से मतस्य पालक काफी परेशान होते है ,शासन की योजनाएं ठप्प सी हुई है ,सिर्फ योजनाओं का संचालन कागजो पर हो रहा है ,किसी किसान एवं मतस्य पालकों को फायदा नही पहुंच पा रहा है ,सही मायनों में लापरवाही चरम पर है।यह योजना सिर्फ मजाक बन कर रह गया है,।
मतस्य विभाग में जांच की आवश्यकता,खुलेंगे और भी मतस्य निरीक्षक के कारनामें
सही मायनों में चारों ब्लॉक में अगर सही तरीके से जांच होती है तो,साफ साफ मामला उजागर हो सकता है,जिले के अधिकतर मतस्य पालक किसान, कही न कही इस योजना से लाभ तो दूर ,बल्कि इन लोगों को लाभ पहुचाने का जरिया बन गए है ,किसान इस योजना से परेशान ही नजर आ रहे है ,जांच में सही मायनों में खुलासा हो सकेगा कि कितने मतस्य पालक इन मतस्य निरीक्षको से प्रताड़ित है।
जिला मुख्यालय 10 बजे न खुलकर अपने मन मुताबिक खोल रहे कार्यालय
जिले का मतस्य विभाग का कार्यालय 10 बजे नही खुलता बल्कि यहाँ के कर्मचारी अपने मन के हिसाब से अपने समय से खोलते है आज पायनियर की टीम ने मौके पे देखा तो 10.30 हो चुका था कार्यालय समय पे नही खुला था,इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग कितना लापरवाही में उतर आया है, तो आम आदमी किसान किस तरह प्रताड़ित होते होंगे।
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