*कबीरधाम स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी का कारनामा नसबंदी के लिए महिला से पैसे लेते हुए एक ANM का वीडियो वायरल, जिले के स्वास्थ्य अधिकारी हो रहे नाकाम विभाग लगातार सुर्खियों में*
*कवर्धा* टाइम्स न्यूज़ इंडिया
*कबीरधाम जिले में स्वास्थ्य विभाग लगातार अपने कारनामे की वजह से सुर्खियों में बना रहता है ,कभी खुले में महंगी दवाइयां और कीमती सामान फेक दिया जाता है तो कभी अपने चहेते को स्थांतरण होने के बावजूद मूल स्थान में न भेजकर कवर्धा में ही जमाये हुए है , आरोप साबित हो जाने के बावजूद भी कार्यवाही नही की जाती है बल्कि उन्हें और उनके* *मनपसंद स्थान में जगह दी जाती है, कभी खुद जिले के स्वास्थ्य अधिकारी अपने निजी काम को लेकर सरकारी गाड़ी का जमकर उपयोग करते नजर आते है तो कभी उनके कर्मचारी नए नए कारनामे करते नजर आते* *है,आखिर स्वास्थ्य विभाग में क्या चल रहा है ये बड़ा सवाल है अब ताजा नया मामला लोहारा ब्लॉक के बिरोड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ए एन एम कौशिल्या की है जो भैंसबोड निवासी भोला पटेल ने अपनी बहन की* *नसबंदी कराने के लिए बिडोरा स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम कौशिल्या से बात की थी. एक दुकान के सामने एएनएम ने नसबंदी के 3800 रुपये वसूले. किसी ने लेन-देन का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है*
*मामले में लोहारा बीएमओ डॉ संजय खरसन का कहना है कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. इस मामले में दोनों पक्ष को तलब किया गया है. मामले की जांच की जाएगी. सही पाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के माने तो बिरोडा में ही नॉर्मल प्रसव के लिए 5000 लिया जाता है जिसमे लोग देते भी है जिसके चलते आज ए एन एम 1 ही जगह 10- 15 साल से पदस्थ है जो लगता है कही न कही उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते आज पैसे लेते नजर आते हैं जो सवाल पैदा करता है आज नसबन्दी के नाम से वीडियो वायरल हो गया*
*वैसे शासकीय अस्पताओं में निःशुल्क नसबंदी ऑपरेशन किया जाता है, लेकिन नियमों को ताक में रखकर कबीरधाम जिले में नसबंदी का खेल चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अनजान बन रहे हैं*
*ये वीडियो बिडोरा उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम का बताया जा रहा है, जो 3800 रुपए लेते हुए कैमरे में कैद हो गई. महिला नसबंदी के लिए एएनएम ने उसके भाई से पैसे लिए जबकि परिवार नियोजन के तहत नसबंदी निशुल्क होती है।*
*पिपरिया स्वास्थ्य केंद्र में भी नसबंदी के नाम से प्रोत्साहन राशि स्वयं डॉक्टरों और अपने चहेतों को लाखों की राशि आबंटित*
*नसबंदी के ही मामलें में पिपरिया स्वास्थ्य केंद्र में 2022 में नसबंदी प्रेरक की प्रोत्साहन की राशि भी सैकड़ो मितानिनों को मात्र 1 से 5 केश तक ही प्रेरक राशि 500 से हजार रुपये तक मिला ,आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि 138 लोगों द्वारा प्रेरक बनकर 144 नसबंदी करवाया गया ,वही दूसरे महीने में 94 लोगों द्वारा 144 नसबंदी कराया गया* ,
*वही डॉक्टरों और उनके विभाग के कर्मचारियों ने जिसमें 6 लोग है जयांन पटेल,द्वारा 350 नसबंदी कराया गया उन्हें प्रेरक के रूप में राशि एक लाख पांच हजार मिला,हेमन्त निर्मलकर इन्होंने कुल 350 केस नसबंदी कराया इनको भी प्रोत्साहन राशि एक लाख पांच हजार मिला,राजेश चन्द्रवंशी इन्होंने 340 केस दिए इन्हें एक लाख दो हजार मिला,डॉक्टर सतीश कुमार ने 355 केस नसबंदी करवाया इन्हें एक* *लाख छह हजार रुपये मिला ,डॉक्टर विनोद चन्द्रवंशी को 340 केस का एक लाख तीन हजार पांच सौ राशि* *मिला,शिल्पा बक्शी को 336 केस नसबंदी प्रेरक प्रोत्साहन राशि एक लाख आठ सौ मिला, कुलमिलाकर 6 लोगो ने 2076 केस नसबंदी कराया* *इन छह लोगों 622,800 ,राशि मिला,वही दूसरी तरफ सैकड़ो* *मितानिनों को लाख रुपये भी नही मिल पाया ,अब सवाल ये है कि* *नसबंदी की आड़ में कितना बड़ा धंधा चल रहा है ,प्रेरक की आड़ में बड़ी राशि की हेराफेरी की गई है ये है* *कबीरधाम का स्वास्थ्य विभाग का हाल , आखिर पिपरिया में हुए प्रेरक राशि का इतनी शातिर तरीके से* *बंदरबांट दर्शाता है कि स्वास्थ्य विभाग में जमकर हेराफेरी हो रही है।*
*नर्सिंग होम एक्ट का जिले में नही हो रहा पालन अवैध लैब और क्लिनिक की भरमार'प्रभारी गहरी नींद में*
*यूँ तो जिले में नर्सिंग होम एक्ट की बाकायदा टीम है उसके प्रभारी ईश्वर साहू है लेकिन ये प्रभारी को दर्जनों फोन करो उठाना उचित नही समझते इतने लापरवाह प्रभारी है , इनके द्वारा रात में कार्यवाही की जाती है सुबह इतनी जल्दी डिग्री आ जाती है क्लिनिक नियमों के अनुरूप हो जाता है कि क्लिनिक खोल दिया जाता है लोहारा में ही बंगाली डॉक्टर के नाम से मशहूर क्लिनिक में खुलेआम लैब से लेकर हर तरह का इलाज करते दिलेरी से देखा जा सकता है दवाइयां भी बेची जाती है लेकिन कार्यवाही शून्य है यही हाल पांडातराई में अवैध क्लिनिक का है आखिर हो क्या रहा है जिले में , अब इन जैसे कर्मचारी के हाथों में नर्सिंग होम एक्ट की ज़िम्मेदारी है तो समझ सकते है कि कार्यवाही की उम्मीद नही की जा सकती है ,मरीजों के साथ अवैध लैब और अवैध क्लिनिक उनके स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर रहे है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी और प्रभारी को ये सब नजर नही आता है, बाकायदा जिले में बिना सर्जन के अवैध क्लिनिक में मोतियाबिंद तक का ऑपरेशन हो रहा है लेकिन मजाल है कि ईश्वर साहू को नजर आए ,लोग तो ये कह रहे है कि जिले की स्वास्थ्य टीम खुद वेंटिलेटर पर है इनसे क्या उम्मीद करें।वही जिले के कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर जिले में नए डॉक्टर के पदस्थ से लेकर आधुनिक मशीन आवासीय भवन के साथ साथ व्यवस्था सुधारने में लगातार लगे हुए है विगत चार सालों में काफी कुछ बेहतर स्थिति में है ,लेकिन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उनके प्रयासों पे पानी फेरते नजर आ रहे है।*
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