NEWS :-आखिर नेत्र शिविर वालो पर क्यों मेहरबान है जिले के स्वास्थ्य विभाग अधिकारी, लगातार जिले में लग रही बिना अनुमति शिविर,आँखों से हो रहा खिलवाड़, मोतियाबिंद ऑपरेशन की नहीं जरूरत करके किया जा रहा गुमराह,शिविर की जानकारी होने के बावजूद रोकने में असफल स्वास्थ्य विभाग, अंधत्व के शिकार हो सकते हैँ जिलेवासी, मोतियाबिंद मुक्त अभियान कों दिखा रहे ठेंगा

NEWS :-आखिर नेत्र शिविर वालो पर क्यों मेहरबान है जिले के स्वास्थ्य विभाग अधिकारी, लगातार जिले में लग रही बिना अनुमति शिविर,आँखों से हो रहा खिलवाड़, मोतियाबिंद ऑपरेशन की नहीं जरूरत करके किया जा रहा गुमराह

शिविर की जानकारी होने के बावजूद रोकने में असफल स्वास्थ्य विभाग, अंधत्व के शिकार हो सकते हैँ जिलेवासी, मोतियाबिंद मुक्त अभियान कों दिखा रहे ठेंगा 

कवर्धा 
जिले में एक के बाद एक बिना अनुमति के नेत्र शिविर का आयोजन किया जा रहा है इन नेत्र शिविरो में  बिना ऑपरेशन के मोतियाबिंद का इलाज करने का दावा किया जा रहा है 
गौर तलब है कि कुछ दिन पूर्व अखबारों में इस खबर को प्रकाशित किया गया था, उसके बाद भी विभाग गहरी नींद में हैँ, अब जिले में कई जगह शिविर खुलेआम लगा रहे हैँ अब नया शिविर जय महाकाल मेडिकल स्टोर ग्राम पाली पंडरिया मैं नेत्र शिविर का आयोजन कर मोतियाबिंद बिना ऑपरेशन के ठीक करने का दावा किया जा रहा है 
एवं इन दोनों शिविर के संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए जिला स्वास्थ्य प्रशासन चैन की नीद सोया हुआ है सूत्रों के अनुसार उक्त शिविर का संचालक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता होने के कारण जिला स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही करने से डरता है 
मोतियाबिंद मुक्त एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन हेतु प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी के लिए शासन ने
 जिला अंधत्व नियंत्रण समिति का गठन किया गया है 
इस समिति के पदेन अध्यक्ष के रूप में जिले के कलेक्टर एवं दंडाधिकारी होते हैं तथा स्वास्थ्य विभाग से जिला कार्यक्रम अधिकारी अंधत्व नियंत्रण सचिव का दायित्व निर्वहन करते हैं जिला कार्यक्रम अधिकारी के सहयोग के लिए शासन ने सहायक कार्यक्रम अधिकारी की नियुक्ति की है 
 जिला अंधत्व नियंत्रण समिति के सचिव  व जिला कार्यक्रम अधिकारी वर्तमान में खंड चिकित्सा अधिकारी के प्रभार में है उनके क्षेत्र में डायरिया एवं उल्टी दस्त के प्रकोप होने के कारण वह प्रशासनिक एवं चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कार्य करने के लिए अपने क्षेत्र में व्यस्त है  उनके सहायक कार्यक्रम अधिकारी अपनी वरिष्ठता  एवं कर्मचारी नेता होने के कारण एवम विकलांगता का फायदा उठाकर अपने कार्य क्षेत्र  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी में भी ज्यादा समय सेवा न देकर  एवं  मुख्यालय में निवास न करते हुए अपने निजी निवास कवर्धा में नेत्र चिकित्सा केंद्र  संचालित करते  हैं 
अब उक्त नेत्र शिविरों को बंद करने की जिम्मेदारी जिले के कलेक्टर  दंडाधिकारी एवं अध्यक्ष जिला अंधत्व नियंत्रण समिति कवर्धा कि है 
अब देखते हैं कि जिला कलेक्टर महोदय इन शिविर को रोक लगाने एवं उक्त शिविर संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे या नहीं या राजनीतिक दबाव में यह मामला ठंडा बस्ते में जाकर फिर से  ऐसे शिविरों का आयोजन कर आम जनों के आंखों से खिलवाड़ करते रहेंगे, एक तरह से स्वास्थ्य विभाग नाकाम होकर इनके आगे झुक गए हैँ, जानकारी के बावजूद आँखे बंद किये हुई हैँ, इनको आमजनों की आँखों की फ़िक्र नहीं हैँ, कही न कही ये विभाग, अनहोनी का इंतिजार कर रही हैँ.

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