NEWS:-कांग्रेस की राह नही आसान, पंडरिया पहला विधानसभा जहाँ कर्ज माफी का नही असर, कांग्रेस प्रत्याशी जनता के अनुरूप नही, हो रहे फिसड्डी साबित,अब सवाल क्या भीतरघात , जातिवाद और भ्रष्टाचार की दलदल से उबर पाएगा,कांग्रेस
पंडरिया की जनता मजबूत प्रत्याशी के चयन में ले रहे रुचि जो कर सके समुचित विकास
कवर्धा , विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस हाई कमान ने टिकट वितरण को लेकर नियम जारी किया था जिसमे पंडरिया विधानसभा के लिए पचास से अधिक दावेदारों ने अपनी दावेदारी पेश किया था लेकिन टिकट पाने में नीलकंठ चंद्रवंशी सफल होकर चुनाव मैदान में हैं, वही भारतीय जनता पार्टी की भी स्थिति वैसी रही , तमाम दावेदारों को किनारे करते हुए समाज सेविका भावना बोहरा पार्टी से फार्म बी लेने में सफलता प्राप्त किया । पंडरिया विधानसभा में कांग्रेस, भाजपा, जोगी कांग्रेस ,आप सहित चौदह उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत अजमा रहे है । प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने भीतरघात , भ्रष्टाचार और जातिवाद का मुद्दा हावी है वही घोषणा पत्र का भी सफलता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका होता है ।पहली विधानसभा जहाँ कर्ज माफी का असर नही पंडरिया विधानसभा में दमदार प्रत्यासी के चयन के ओर मतदाता नजर आ रही है,कांग्रेस की राह आसान नही नजर आ रही है ,कुछ ही घण्टे मतदान में बचे है ,लेकिन कांग्रेस की स्थिति अब तक नही सुधर पाई है।
भीतरघात सक्रिय, कांग्रेस प्रत्याशी नही पसन्द
कांग्रेस में गुटबाजी और भितरघाती खुलकर दिखाई दिया ,सही मायनों में अब उनके साथ कार्यकर्ता नजर नही आये ये पहला विधानसभा होगा जहां जनता कर्जमाफी को महत्व नही दे रही वो प्रत्याशी को महत्व देते नजर आ रही है।प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनावी बिगुल फूकने और अपने प्रत्याशी के लिए ब्रम्हस्त लेकर भाजपा प्रत्याशी के गांव रणवीरपूर अपने निर्धारित समय पर पहुंचे । रणवीरपुर पहुंचे पर देखा कि जिस मतदाताओं को अपनी सरकार की उपलब्धि और आगामी पारी की योजनाओं के बारे में चर्चा करते वो सभी गायब थे और कुर्सी खाली थे । मुख्यमंत्री को लोगो की भिड़ इकठ्ठा होने तक लगभग एक घंटा इंतजार करना पड़ा जिससे देखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अचंभित हो गए ।
जातिवाद हावी
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के समय जातिवाद के आधार पर प्रत्याशी घोषित किया जाता है । पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी, साहू, समाज के लोग ही ज्यादातर दावेदारों की सूची में शामिल थे । कांग्रेस ने जातिवाद को देखते हुए कुर्मी समाज के नीलकंठ चंद्रवंशी को अपना उम्मीद्वार बनाया है वही भाजपा में कुर्मी , साहू समाज के अलावा पटेल समाज के लोग प्रमुख रूप से दावेदारी कर रहे थे लेकिन जातिवाद को किनारे करते हुए जिला पंचायत सभापति समाज सेविका भावना बोहरा को टिकट दिया है । क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक पार्टी प्रत्याशी के सामने जातिवाद को लेकर गंभीर नजर आ रहे है । आखिर मतदाता किस ओर मुड बना रहे है ।
भ्रष्टाचार का मुद्दा हावी
आपको बता दे कि नीलकंठ चंद्रवंशी पूर्व में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रह चुके है , और ठेकेदारी भी करते है उनके द्वारा जंगल के कोर एरिया जहाँ जंगल के जरूरी नियम लागू है ,वहाँ सत्ता की धाक में खनन करवाया गया,उक्त मामले में प्रशाशन ने कार्यवाही भी की थी,जनमानस में यही चर्चा है कि जितने के बाद आखिर क्या करेंगे ,कही और नियमों का उल्लंघन करेंगे, वही आपको बता दे कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस से ममता चंद्राकर ने भाजपा के प्रत्याशी को छत्तीस हजार वोटो से पराजित किया था और पूरे पांच साल तक क्षेत्र में सक्रिय रही बावजूद इनके टिकट को काट दिया गया। क्षेत्रवासियों में विधायक के कामकाज से संतुष्ट होते भी नहीं दिखे । पार्टी के नेताओं के अलावा मतदाताओं ने भ्रष्टाचार और लोगो के मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर चर्चाएं करते रहते है । जिसकी खामियाजा कांग्रेस प्रत्याशी को भुगतना पड़ा रहा है । भाजपा उम्मीद्वार भावना बोहरा के सामने भी जातिवाद की राजनीतिक चर्चा कम नहीं है लेकिन इनके द्वारा क्षेत्र में कालेज में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए निःशुल्क बस सेवाएं , कोविड़ के दौरान लोगों की मदद के अलावा आपातकालीन चार एंबुलेंस सेवा प्रारंभ किया है साथ ही एक मोबाइल हेल्थ यूनिट सेवा की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है जिसमे लगभग तीस प्रकार की जांच के अतरिक्त इलाज और दवाई भी उपलब्ध करा रहे हैं। जिसके चलते जातिवाद का दंश झेलना नही पड़ रहा है ।
विधानसभा का राह आसान नहीं
पंडरिया विधानसभा में चौदह उम्मीद्वार मैदान में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखने से कांग्रेस लगभग छत्तीस हजार वोट से भाजपा को परास्त किया था । जोगी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन होने के कारण लगभग तैतीस हजार वोट भी पाए थे लेकिन इस बार जोगी कांग्रेस स्वतंत्र रूप से मैदान में है और जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार रवि चंद्रवशी है जो एक सक्रिय रूप से लोगो के सुख दुख और क्षेत्र की सभी प्रकार की समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन तक पहुंचने में कभी पीछे नहीं रहे। चुनाव की छोर गुल बंद हो गया है । मतदान का समय कुछ ही घंटा बचा हुआ है । देखना ये है कि क्षेत्र के मतदाता किस प्रत्याशी को अपना विधायक चुनते है और उम्मीदवार मतदाताओं के दिल जीतने में कामयाब हो रहे है या नहीं। फिलहाल यहाँ कांग्रेस की स्थिति प्रत्यासी की वजह से ठीक नही ,कर्ज माफी तक का असर नही दिखता हुआ नजर आ रहा है।
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