NEWS:-कबीरधाम में नर्सिंग होम एक्ट की उड़ रही धज्जियां, लापरवाह नर्सिंग होम प्रभारी, एवं जिम्मेदार अधिकारी ,आखिर कब होगा इस एक्ट का पालन

NEWS:-कबीरधाम में नर्सिंग होम एक्ट की उड़ रही धज्जियां, लापरवाह नर्सिंग होम प्रभारी, एवं जिम्मेदार अधिकारी ,आखिर कब होगा इस एक्ट का पालन
कवर्धा :-  आपको बता दे कि प्रदेश के कद्दावर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव कबीरधाम जिले के प्रभारी मंत्री है साथ साथ  सरकार के कद्दावर मंत्री और क्षेत्रीय विधायक मो अकबर के निर्वाचन जिले में, स्वास्थ्य विभाग चरमरा गई है झोलाछाप डाक्टर और निजी अस्पताल ,एवं अवैध लैब नर्सिंग होम एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे है।

निजी नर्सिंग होम क्लिनिक संचालन के लिए नियम कानून बनाया है जिसमें एक मापदंड का पालन करना पड़ता है और इसकी जिम्मेदारी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की होती है। लेकिन कवर्धा में नर्सिंग होम एक्ट के लिए जिम्मेदार अधिकारी प्रभारी आंख बंद कर लिए है । जिला मुख्यालय में ही कई पैथोलॉजी लैब, क्लिनिक और नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित है। वही क्षेत्र में सैकड़ों झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर गरीब लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है। जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मौन व्रत धारण कर लिए है।

*जिले के लोहारा ,बोड़ला,पंडरिया,पिपरिया में अवैध अस्पतालों, झोलाछाप  डॉक्टरों की भरमार*

विकास खण्ड कवर्धा ,बोड़ला ,लोहारा पंडरिया में अवैध क्लिनिक  अस्पतालों की भरमार है लोहारा में तो ठीक थाने के सामने ही एक अवैध अस्पताल संचालित है  जिसमें बिना डिग्री धारी बंगाली डॉक्टर बैठता है सूत्रों से पता चला है उसे राजनीतिक सरंक्षण मिला हुआ है इसलिए वहाँ खुलेआम दवाइयों का जखीरा एवं बाकायदा लैब खून जांच किया जाता है ,यू  समझिए के एक छत के नीचे तीन काम बिना डिग्रीधारी डॉक्टर, बिना लाइसेंस दवाई,और बिना लैब टेक्नीशियन का खून जांच किया जाता है,इस क्लिनिक को कुछ माह पहले सील भी किया गया था जिसे कुछ दिन में खोल दिया गया अब यूँ ही जिले में कई बार कार्यवाही के नाम पर सील तो लगाया जाता है लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि अचानक कुछ दिनों में डिग्री कहा से आ जाती है ,जिससे फिर से क्लिनिक संचालित होता है ,कही न कही विभाग के नर्सिंग होम एक्ट प्रभारी की भूमिका संदिग्ध है जिले भर में खुलेआम बड़े बड़े अस्पताल खुले हुए है जिनके पास इलाज करने के लिए न कोई डिग्री है और न ही कोई डिप्लोमा है। एम बी बी एस डॉक्टर ही नहीं है। फिर भी धडल्ले से खुलेआम इलाज कर रहे है नर्सिंग होम एक्ट को मुँह चिढ़ा रहे है।
नर्सिंग होम एक्ट के नाम पर स्वास्थ्य विभाग की टीम यदा कदा कही कही छापा मारकर सील करते है लेकिन कुछ दिन बाद ही खोल भी देते है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही पर सवाल खड़े होना लाजिमी है, बिना डिग्री के इलाज करने वालों के पास क्लिनिक सील होने पर दुबारा खुलवाने के लिये डिग्री कैसे आ जाती है,
नर्सिंग होम एक्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते जिले में झोलाछाप डॉक्टर फल फूल रहे वही अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम और हॉस्पिटल गरीब जनता से मनमाने पैसा वसूल कर रहे है। 

स्वास्थ्य विभाग के मुखिया अपनी चिरनिद्रा से कब जागेंगे और नर्सिंग होम एक्ट के तहत ठोस कब कार्यवाही करेंगे ये सवाल बना हुआ है,या यूं ही सब चलता रहेगा। 

*तृतीय वर्ग के कर्मचारी ईश्वर साहू को प्रभार,अनुभव की कमी नही संभाल पा रहे जिम्मेदारी*
यहां यह बताना लाज़िमी होगा कि ,क्यों आखिर जिले में इन दिनों नर्सिंग होम एक्ट के पालन नही हो रहा है,इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि जिसे प्रभार दिया गया है ,वो तृतीय वर्ग कर्मचारी होने के साथ साथ फॉर्मासिस्ट की भी जिम्मेदारी है जिसे अनुभव की कमी है और दूसरी सबसे बड़ी वजह ये है कि वो लापरवाह है , उसके बाद भी स्वास्थ्य अधिकारी इतने मेहरबान है कि उन्हें  प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया याने लापरवाह होने के बावजूद सम्मान किया जा रहा है, उनसे सुस्त रवय्ये के कारण उनसे कार्यवाही की उम्मीद नही की जा सकती है ,यहां आप उन्हें अनेकों फोन करो वो फोन तक नही उठा पाते है,उनके साथ साथ खुद जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी फोन तक नही उठाते वो खुद लापरवाही कर रहे है जिसके वजह से कही कही न जिले में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति गंभीर है जिसके कारण इस नर्सिंग होम एक्ट के पालन होगा फिलहाल तो नही लग रहा।

जिले में अवैध लैब सेंटरो की भरमार प्रभारी ईश्वर साहू और नोडल अधिकारी गहरी नींद में

जिले में धड़ल्ले से अवैध लैब संचालन हो रहे है नियम के अनुसार लैब टेक्नीशियन का होना जरूरी है ,लेकिन कलेक्सन सेंटरो की आड़ में कलेक्सन सेंटर वाले स्वयं जांच कर रिपोर्ट दे रहे है , जिससे मरीजों के साथ उनके स्वास्थ्य के साथ जमकर खिलवाड़ हो रहा है, लेकिन प्रभारी ईश्वर साहू और नोडल अधिकारी के साथ साथ मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी गहरी नींद में है ,जिसके कारण अवैध लैब और क्लिनिक की भरमार है, नर्सिंग होम एक्ट का पालन फिलहाल नही हो रहा है।

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