गौतस्करों पर अंकुश लगाने में असफल भाजपा सरकार: तुकाराम चन्द्रवंशी
गौ रक्षकों की मदद से तस्करों के कब्जे से छुड़ाए गए 96 नग मवेशी
गृहमंत्री के गृह जिले में हो रही गौ-तस्करी, उठे सवाल
कवर्धा। प्रदेश की भाजपा सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश सरकार के गृह मंत्री विजय शर्मा के गृह जिले में गौ तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। जबकि इस मामले की बकायता लिखित शिकायत प्रमाणों के साथ जिले के पुलिस अधीक्षक से की जा चुकी है। वहीं हाल ही में स्वयं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने गौ तस्करों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने का बयान दिया था। लेकिन ऐसा लगता है कि शासन-प्रशासन की यह पूरी कवायद सिर्फ जनता को गुमराह करने वाली है। उक्त बातें प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष तुकाराम चन्द्रवंशी ने जारी बयान में कहीं। उन्होने कहा कि शासन-प्रशासन की नाक के नीचे कबीरधाम जिले में लगातार गौ तस्करी की जा रही है। उन्होने बताया सोमवार को ही उन्होने जिला गौरक्षा प्रमुख प्रांजल तिवारी के साथ मिलकर जिला मुख्यालय कवर्धा से महज 8 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे स्थित ग्राम बिजाझोरी (हरिनछपरा) के पास बड़ी संख्या में तस्करों द्वारा गौतस्करी करते देखा गया। उन्होने बताया कि कुल लोग करीब 96 नग गौवंश तथा बछड़ों को हांकते हुए ले जा रहे थे। श्री चन्द्रवंशी ने बताया कि गौ तस्करी की आशंका पर जब उन्होने इन लोगों से मवेशियों की खरीदी बिक्री से संबंधित दस्तावेज व अन्य जानकारी मांगी गई तो वे कोई भी दस्तावेज अथवा संतोषजन जवाब नहीं दे पाए। जिसके बाद उन्होने मामले की सूचना कलेक्टर, एसडीएम और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल को फोन पर सूचना दिया
लेकिन 2 घंटे बीतने के बावजूद कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।
एवं सूचना बोड़ला एसडीएम रुचि शार्दूल को फोन पर दी गई एसडीएम से गौवंशों की रखने का व्यवस्था के लिए निवेदन किया किंतु अत्यंत खेद की बात है कि एसडीएम महोदया इस मामले में कोई ठोस पहल नहीं किया और यह कहकर अपने उत्तरदायित्व से पल्ला झाड़ लिया कि उनके पास गौवंशों को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। उन्होने बताया कि फिलहाल गौरक्षकों की मदद से सभी गौवंश को हरिनछपरा के एक निजी फैक्ट्री परिसर में सुरक्षित रखा गया है और पकड़े गए गौतस्करों को प्रशासन के हवाले किया गया। साथ ही सभी भूखे प्यासे गौवंश के लिए चारा पानी की भी व्यवस्था की गई है।
शासन-प्रशासन की नाक के नीचे सुनियोजित ढंग से की जा रही गौ तस्करी
प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष तुकाराम चन्द्रवंशी ने बताया कि खुलेआम हो रही गौ तस्करी के खिलाफ गौ रक्षकों द्वारा लगातार आवाज उठाए जाने और उनकी धरपकड़ के बाद अब तस्करों ने मवेशियों की खरीदी-बिक्री को वैध दिखाने और बताने के लिए नया हथकंडा अपना लिया है। उन्होने खुलासा किया कि गौ तस्करों द्वारा कवर्धा नगर पालिका तथा जिले की ग्राम पंचायतों की फर्जी मवेशी बिक्री रसीद का उपयोग गौ तस्करी में किया जा रहा है। ताकि गौ तस्करी के दौरान अगर तस्कर गौ सेवकों के माध्यम से पकड़े जाते हैं और उन्हें पुलिस के हवाले किया जाता है तो वे नगर पालिका अथवा ग्राम पंचायतों की इस फर्जी मवेशी बिक्री रसीद को दिखाकर पाक साफ ढंग से बच सकें। हालांकि श्री चन्द्रवंशी का यह भी आरोप है कि गौ तस्करों को सिर्फ गौ रक्षकों से ही खतरा है इसके अलावा न तो जिले के पुलिस प्रशासन की इसमें कोई रोकटोक है और न ही शासन-प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही कर रहा है। इसकी पुष्टी इस बात से भी होती है कि जिले में कवर्धा नगर पालिका के नाम से छपी फर्जी मवेशी बिक्री रसीद का धड़ल्ले से दुरूपयोग हो रहा है। लेकिन इसकी भनक न तो नगर पालिका प्रशासन को है और न ही सनातन का चोला ओड़कर धर्म के ठेकेदार बने बैठे सत्तारूढ़ दल के नेताओं और जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी है। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि इन्हें पता तो सब कुछ है लेकिन सत्ता सरकार के ये सफेदपोश गंधारी की भूमिका निभा रहे हैं। श्री चन्द्रवंशी ने बताया कि कबीरधाम जिले में गौ तस्करी का खेल बेहद सातिर और सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है। जिसमें कबीरधाम जिले के साथ पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश सहित अन्य दूसरे राज्यों के तस्कर भी संलिप्त है। जो सबसे पहले जिले के गांव-गांव में बेहद गोपनीय ढंग से रैकी करते हैं और इस बात की जानकारी जुटाते हैं कि कौन मवेशी पालक अपने मवेशियों को बेंच रहा है। बिक्री योग्य मवेशियों की जानकारी होने के बाद मवेशी पालकों से संपर्क किया जाता है और सुनियोगित ढंग से उनसे मवेशियों का सौदा किया जाता है। मवेशियों का सौदा होने के बाद मुख्य कार्य इन खरीदे गए मवेशियों को जिले की सीमा से बाहर ले जाना होता है। जिसके लिए इनके द्वारा कवर्धा नगर पालिका के अधीन संचालित मवेशी बाजार की फर्जी मवेशी बिक्री रसीद का सहारा लिया जाता है और इस फर्जी रसीद के सहारे तस्कर बड़ी आसानी तथा बेखौफ ढंग से मवेशियों की खेप को जिले से बाहर ले जा रहे हैं। इस दौरान अगर वे पकड़े भी जाते हैं तो मवेशी खरीदी बिक्री की फर्जी रसीद के जरिए ये बच निकलते हैं।
कवर्धा कोतवाली में की गई फर्जी मवेशी रसीद की शिकायत कार्यवाही शून्य: तुकाराम
तुकाराम चन्द्रवंशी ने बताया कि उन्होने मवेशी तस्करों द्वारा कवर्धा नगर पालिका सहित जिले की ग्राम पंचायतों के नाम की फर्जी मवेशी खरीदी-बिक्री रसीद का उपयोग कर गौ तस्करी करने के मामले की लिखित शिकायत प्रमाण सहित गत 3 मार्च 2025 को कवर्धा कोतवाली में की थी। लेकिन आज पर्यंत पुलिस प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच नहीं की गई। यहां तक नगर पालिका प्रशासन के सफेदपोशों को तक इस मामले की जानकारी नहीं है कि उनकी संस्थान की फर्जी रसीद का उपयोग मवेशी तस्करी के लिए किया जा रहा है।
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