NEWS :-विनायक पब्लिक स्कूल कवर्धा में हरेली का पारंपरिक त्यौहार हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया

NEWS :-विनायक पब्लिक स्कूल कवर्धा में हरेली का पारंपरिक त्यौहार हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया
 कवर्धा, जिला- कबीरधाम,
 विनायक पब्लिक स्कूल कवर्धा में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक एवं सांस्कृतिक हरेली त्यौहार बहुत ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।
 सर्वप्रथम संस्था प्रमुख के द्वारा दीप प्रज्वलित कर मां सरस्वती एवं छत्तीसगढ़ महतारी को तिलक लगाकर के व पुष्पांजलि अर्पित कर, कृषि प्रधान देश भारत व छत्तीसगढ़ प्रदेश की पारंपरिक कृषि कार्य में प्रयुक्त होने वाले सभी उपकरणों एवं औजारों का विधिवत रूप से पूजन किया गया।
 तत्पश्चात संस्था प्रमुख व स्कूल एकेडमीक, शिक्षक/ शिक्षिकाओं के द्वारा एवं हेड बॉय व हेड गर्ल्स के द्वारा कृषि प्रधान भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं छत्तीसगढ़ की पारंपरिक  हरेली त्यौहार के विषय में स्कूल के सभी छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारीयां देते हुए कहा कि
 वर्षा ऋतु में  सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरेली का  त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन कृषि कार्यों में प्रयुक्त प्रयोग होने वाले सभी उपकरणों एवं औजारों का विधिवत पूजन किया जाता है। और सभी किसान भाई  अपने खेतों में अच्छी फसलों को देखकर अतिप्रसन्न होते है। और वस्त्रों से आच्छादित प्रकृति में चारों तरफ चादर ओढ़ी हरियाली दिखाई देती हैं। हरेली के त्यौहार में सभी लोग अपने घरों में परिवार के साथ रहकर के पारंपरिक विभिन्न प्रकार के पकवानों का आनंद भी लेते हैं। साथ ही युवा तरूणाइयों में जहां गेड़ी उत्सव से लेकर के नारियल व भाला फेक कार्यक्रम एवं अन्य प्रकार की खेल गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता हैं। जहां अपने आप को आनंद महसूस करते हुए सावन महोत्सव की रिमझिम फुहारों के बीच प्रकृति की गोद में प्रसन्नचित होकर खुशियां मनाते हुए इस पारंपरिक त्यौहार को हर्षोल्लाह पूर्वक मनाने की विशेष परंपरा रही हैं। हमारी भारतीय संस्कृति एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश विविधताओ से भरा हुआ, उत्साह एवं उमंग के साथ सभी त्योहारों को मनाते हैं। और इसी के साथ अन्य सभी त्योहारों का सिलसिला भी प्रारंभ हो जाता है।
स्कूल के छात्र-छात्राएं पारंपरिक वेशभूषा में दिखे
इस हरेली त्यौहार को मनाने के लिए विद्यालय परिवार की ओर से एवं अभिभावकों की ओर से अपने बच्चों को  पारंपरिक औज़ारों से युक्त व वेशभूषा से सुशोभित, छत्तीसगढ़ महतारी,और किसान के रूप में बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। और पारंपरिक छत्तीसगढ़ी कविताएं, व गीतों में मनमोहक नृत्य कर समा बाँधा। 
कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों का मुंह मीठा करा कर, सहयोग के लिए सभी, बच्चों, अभिभावकों का विद्यालय परिवार के द्वारा आभार व्यक्त किया गया।

Post a Comment

0 Comments