NEWS:-हरेली हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा, रिमझिम सावन के बीच यह पर्व देती है अपार संदेश :-जगदीश सांखला
कवर्धा:-
कवर्धा जिले के सबसे बड़े शिक्षा संस्थान गुरुकुल स्कूल के प्राचार्य,कवि जगदीश सांखला ने हरेली पर्व के महत्व के बारे अपने सुंदर लेख से एक कविता लिखी हुए है जिसमें उन्होंने बड़े ही शानदार तरीके से हरेली पर्व और सावन के महत्व को हमारे जीवन मे कितना महत्व है इसका उल्लेख उन्होंने कविता के माध्यम से किया है उन्होंने बड़े ही सुंदर तरीके से रचना किया है जो इस प्रकार है।
आज हरेली आयी जीवन मे खुशियां लायी,
चारों ओर हरियाली छाई,
नदी झरनों में बाढ़ आयी,
मैं चलूँ और तुम भी चलो
स्नान करने तालाब चलें
सावन अब आ चुका
जल लेकर शिव रिझाने चले
हल बैल को हम पूजेंगे
आज खेत को हम जोतेंगे
गेड़ी चढ़ हम थिरकेंगे
लम्बी दौड़ लगाएंगे
चीला डेहरोरी पपची बना
घर घर से सुना है
छत्तीसगढ़ी पौशाक पहन
महामाया के दर
हर किसान के चहेरे पर ख़ुशी
क्योंकि धान की बुवाई
विश्व का पेट हम भरेंगे
ऐसी उन्होंने प्रतिज्ञा की,
कवि जगदीश सांखला
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