NEWS :-आखिर बैगा महिला की मौत का जिम्मेदार कौन ?नहीं थम रहा जिला चिकित्सालय कबीरधाम में मौत का सिलसिला. डॉक्टरो की लापरवाही से जिला अस्पताल सुर्खियों में,,
अब जिलेवासियों में जिला अस्पताल कों लेकर खौफ,कब सुधरेगी आखिर व्यवस्था डॉक्टरो की भरमार फिर भी स्थिति गंभीर
कवर्धा
लगातार जिला अस्पताल में मौतें, इस वज़ह से प्रदेश भर में सुर्खियों में इन दिनों जिला अस्पताल कवर्धा के डॉक्टर बने हुये है,विगत दिनों झलमला की एक बैगा आदिवासी महिला की मौत और इसके पूर्व तीन बैग जच्चा बच्चा की मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है
जिला चिकित्सालय कबीरधाम एक बार फिर अपने डॉक्टर के कारनामे के लिए सुर्खियों में है अब अब तो जानलेवा बन रहा है जिला चिकित्सालय कबीरधाम ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही भगवान भरोसे है
एक और मामला सामने आया है की जेठिया बाई बैग जिनकी उम्र 27 वर्ष वे झलमला की निवासी थी उपचार के दौरान जिला चिकित्सालय में उनकी मृत्यु हो गई इस विषय की स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है
गौरतलब है कि सुदूर वनांचल झलमला क्षेत्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से प्रोन्नत होकर अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झलमला हो गया है इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों एवं कर्मचारियों की कमी बनी हुई है जिससे चिकित्सा की सुविधाओं का लाभ वनांचल झलमला क्षेत्र के एवं उसके आसपास क्षेत्र के भोले भाले आदिवासी वनाचल को एवं अन्य लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है कुछ दिन पूर्व झलमला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी के की मृत्यु आकस्मिक मृत्यु हो जाने के कारण आज दिनांक तक यह पद रिक्त है जिसका खामियाजा वनांचल के लोगों को भुगतना पड़ रहा है
एवं शासन द्वारा 2 वर्ष की संविदा नियुक्ति से नियुक्त चिकित्सा अधिकारी को प्रशिक्षण के नाम पर जिला चिकित्सालय कबीरधाम में संलग्न कर के रखा गया है
सूत्रों के अनुसार झलमला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त चिकित्सा अधिकारी अपनी पहुंच एवं नेतागिरी के द्वारा वनांचल क्षेत्र झलमला में सेवा न देखकर जिला चिकित्सालय कवर्धा में अपनी सेवा देना चाहते हैं इसीलिए आचार संहिता का बहाना बनाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अब तक उन्हें उनके मूल पद स्थापना स्थल हेतु कार्य मुक्त नहीं किया है नहीं किया है
बल्कि प्रशिक्षण के नाम पर संलग्न कुछ चिकित्सा अधिकारियों को आचार संहिता के दौरान ही उनके मूल पदस्थापना स्थल पर कार्य मुक्त किया गया है
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झलमला में चिकित्सा अधिकारी न होने के कारण प्रधानमंत्री मातृ सुरक्षा अभियान के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं का निशुल्क जांच कराई जाती है गर्भवतियों का एमटीएस कार्ड बनता है उसे कार्ड में गर्भवती महिलाओं की जो भी जांच करते हैं उसका रिकॉर्ड रहता है लेकिन मृत्यु का महिला का एमटीएस कार्ड नहीं बना है जिससे जिला अस्पताल पहुंचने पर स्वास्थ्य संबंधित कोई जानकारी नहीं मिल पाई
अब देखना होगा कि क्या इस विषय पर स्वास्थ्य विभाग दोषियों पर कार्रवाई करेगा या पूर्व मामलों की भांति यह मामला भी ठंडा बस्ता में चला जाएगा एवं पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं मिलेगा
क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रशिक्षण के नाम पर संलग्न चिकित्सा अधिकारी को मूल पद स्थापना झलमला में कार्य करने हेतु कार्य मुक्त करेंगे या नहीं ताकि झलमला क्षेत्र के आम जनों को चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध हो सके.
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