NEWS :-संकल्प स्वस्थ भारत का सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया में निक्षय निरामय अभियान का विशेष स्वास्थ्य शिविरटीबी, कुष्ठ और रक्त रोगों की जांच—सकारात्मक जागरूकता और सतर्कता की दिशा में अनोखा कदम

NEWS :-संकल्प स्वस्थ भारत का सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया में निक्षय निरामय अभियान का विशेष स्वास्थ्य शिविर
टीबी, कुष्ठ और रक्त रोगों की जांच—सकारात्मक जागरूकता और सतर्कता की दिशा में अनोखा कदम
पंडरिया, कबीरधाम (9 जनवरी 2025)
स्वास्थ्य का अधिकार हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, और जब यह सेवाएं हर व्यक्ति के दरवाजे तक पहुंचती हैं, तब एक निरामय समाज की नींव रखी जाती है। इसी उद्देश्य से सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पंडरिया में निक्षय निरामय अभियान के अंतर्गत एक विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर का उद्देश्य श्रमिक समुदाय और स्थानीय लोगों को टीबी (क्षय रोग), कुष्ठ और अन्य रक्त संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूक करना और मुफ्त जांच एवं उपचार की सुविधाएं प्रदान करना था।

कारखाने में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन: श्रमिकों तक स्वास्थ्य सेवाएं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बी.एल. राज के मार्गदर्शन में और विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. अनामिका पटेल के नेतृत्व में इस विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंडातराई और उपस्वास्थ्य केंद्र परसवारा की टीम ने संयुक्त रूप से भाग लिया। यह शिविर श्रमिकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसमें न केवल जांच की गई, बल्कि उन्हें स्वस्थ रहने के उपाय भी बताए गए।
टीबी,कुष्ठ और रक्त रोगों की जांच शिविर की उपलब्धियां
इस विशेष स्वास्थ्य शिविर में कुल 203 लोगों की स्क्रीनिंग और परीक्षण किए गए।
टीबी और कुष्ठ रोग की स्क्रीनिंग संभावित लक्षणों वाले मरीजों को आगे के उपचार के लिए संदर्भित किया गया।
रक्त रोग परीक्षण टीबी सम्भावित 14 लोगो को स्पुटम कंटेनर दिया गया
15 लोग स्किन समस्या ग्रस्त मिले
133 लोग बीपी व शुगर जांच कराए
101 व्यक्तियों का सिकल सेल परीक्षण
69 व्यक्तियों का हीमोग्लोबिन (एचबी) परीक्षण किया गया।
स्वास्थ्य जागरूकता बीमारी के खिलाफ लड़ाई में पहला कदम
शिविर में उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों ने श्रमिकों को टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जानकारी दी।
टीबी के लक्षणों में शामिल हैं:
दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी
लगातार बुखार और थकान
वजन में कमी और भूख न लगना
टीबी और कुष्ठ रोग का इलाज सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध है। डॉ. अनामिका पटेल ने बताया,
"निक्षय निरामय अभियान एक जनांदोलन है। समय पर जांच और दवा का पूरा कोर्स करने से ये बीमारियां पूरी तरह ठीक हो सकती हैं। समाज के हर व्यक्ति को जागरूक बनना होगा ताकि हम टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों को जड़ से मिटा सकें।"
डॉ. बी.एल. राज ने शिविर की सफलता पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,
"टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों के खिलाफ यह लड़ाई केवल सरकारी प्रयासों से नहीं जीती जा सकती। जब तक हर व्यक्ति स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होगा, तब तक स्वस्थ समाज का सपना अधूरा रहेगा। हमारा प्रयास है कि हर व्यक्ति तक जांच और उपचार की सुविधाएं पहुंचें। सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना में इस शिविर का आयोजन हमारी उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जहां स्वास्थ्य सेवाएं श्रमिकों की पहुंच में हों।"
श्रमिक समुदाय की सहभागिता
कारखाने के श्रमिकों ने शिविर में उत्साहपूर्वक भाग लिया। एक श्रमिक ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा,"हमारे लिए काम के दौरान ही जांच और इलाज की सुविधा मिलना बहुत राहत देने वाला है। इससे हमें अपनी सेहत पर ध्यान देने का अवसर मिलता है।"
स्वास्थ्य टीम का योगदान सफल आयोजन की आधारशिला*
बीएमओ डॉ. अनामिका पटेल के नेतृत्व में एक समर्पित स्वास्थ्य टीम ने इस शिविर को सफल बनाया।शिविर में अपनी सेवाएं देने वाली टीम में शामिल रहे
आरएमए रविंद्र कौशिक (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पांडातराई)
बीपीएम प्रदीप सिंह ठाकुर, एसटीएलएस जेम्स जॉन,जिला एसीएफ समन्वयक परमेश्वर यादव, आर एच ओ माना डोरे,
स्वेता छाबड़ा, तुलसी सुमन, गुलाब, गंगाराम भारद्वाज, और परसवारा उपस्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ
साथ ही विनीष जॉय, डॉ. निलेश चंद्रवंशी, डॉ. शैलेन्द्र बसंति, डॉ.ज्योति साहू,विनिष जॉय, फार्मासिस्ट विनोद चंद्रवंशी, एएनएम निशु श्रीवास, सरिता माथुर,कुम्हारीन मरकाम, एमएलटी वेद चंद्राकर, और शैलेन्द्र केसरवानी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वच्छता और पोषण का संदेश
स्वास्थ्य टीम ने केवल बीमारियों के उपचार तक सीमित नहीं रहते हुए, स्वच्छता और पौष्टिक आहार के महत्व पर भी जोर दिया। टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों से बचाव के लिए बेहतर जीवनशैली अपनाने की सलाह दी गई।
कारखाना प्रबंधन का सहयोग
सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना प्रबंधन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,
"हमारे श्रमिकों का स्वास्थ्य ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। इस प्रकार के स्वास्थ्य शिविर हमारे श्रमिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम हैं।"
सामूहिक प्रयास से बनेगा स्वस्थ समाज
यह शिविर इस बात का प्रमाण है कि जब स्वास्थ्य सेवाएं जमीनी स्तर तक पहुंचती हैं, तो बीमारियों को हराना संभव है। हर नागरिक की भागीदारी और जागरूकता ही एक स्वस्थ, निरामय और समृद्ध समाज की नींव है।

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