NEWS :-रेंगाखार से दामापुर स्थानांतरण होने के बाद भी नहीं छोड़ रहे जगह, डॉक्टर कार्तिक राम रात्रे, लापरवाह डॉक्टर अब तक उसी जगह पर मौजूद

NEWS :-रेंगाखार से दामापुर स्थानांतरण होने के बाद भी नहीं छोड़ रहे जगह, डॉक्टर कार्तिक राम रात्रे, लापरवाह डॉक्टर अब तक उसी जगह पर मौजूद 


यूं तो कवर्धा जिला हमेशा डॉक्टर के कारनामों के कारण सुर्खियों में रहता है
अब एक नया मामला सामने आया है जो की कवर्धा जिले के सुदूर  जंगल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 
 पदस्थ डॉक्टर कार्तिक राम रात्रे का स्थानांतरण किया जा चुका है और उन्हें नवीन स्थल हेतु कार्य मुक्त किया जा चुका है लेकिन 45 दिन के बाद भी   उक्त डॉक्टर जगह नहीं छोड़ रहे हैं इससे यहां के ग्रामीणों में आक्रोश है उक्त डाक्टर पर अभद्र व्यवहार पोस्टमार्टम के लिए पैसा लेने का आरोप है और  चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार 21 जून 2024 को जारी आदेश के तहत डॉक्टर कार्तिक राम रात्रे का स्थानांतरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दामापुर कर दिया है, तथा खंड चिकित्सा अधिकारी बोड़ला ने उन्हें दिनांक 5 जुलाई 2024 को कार्य मुक्त कर दिया है लेकिन उक्त डाक्टर ने अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दामापुर में अपनी उपस्थिति नहीं दी है, एवं मनमानी के फल स्वरुप अपनी जगह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेंगाखार को नहीं छोड़ रहे हैं यह वही डॉक्टर है जिस पर कुछ दिन पहले पोस्टमार्टम करने के लिए शराब की डिमांड करने का आरोप लगा था पोस्टमार्टम के लिए शराब की डिमांड करने संबंधित जांच टीम आई थी जिसे शिकायत सही पाई गई इस आधार पर यहां से उनको स्थानांतरित कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दामापुर भेजा गया था परंतु उन्होंने अभी तक अपनी उपस्थिति नहीं दी है,आरोप से घिरे डॉक्टर कार्तिक राम रात्रे,ग्राम लोहारीडीह में 12 साल के बच्चे की डूबने से मौत हुई थी, उसके पोस्टमार्टम के लिए ₹5000 की मांग की गई थी, फिर परिजन ने ₹3000 देकर पोस्टमार्डम कराया, मरीज को प्राइवेट मेडिकल से पास से ₹1000 की दवा लिखने के मामले में भी आरोप लग चुके है अवैध कमाई एवं मदिरा प्रेम के कारण वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेंगाखार जंगल में चर्चित है, होना तो ये चाहिए था, इस सविंदा चिकित्सा अधिकारी क़ी इन हरकतों कों देखते हुये, सेवा समाप्ति होनी थी, मगर खानापूर्ति कर, अन्य स्थान पर पदस्थ किया गया, मगर ये अपने जगह से टस से मस नहीं हो रहे, यानि क़ी घोर लापरवाही बरत रहे, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पर मेहरबान है.इस पर सख्त कार्यवाही सेवा समाप्ति क़ी जरूरत है.

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